Ticker

6/recent/ticker-posts

🌻धम्म प्रभात🌻

🌻धम्म प्रभात🌻 

तथागत ने भिक्षुओं को सम्बोधित करते हुए कहा-

भिक्षुओ ! चाहे कोई स्त्री हो, वा पुरुष हो, चाहे कोई गृहस्थ हो, वा प्रव्रजित हो, उसे पांच बातों पर निरन्तर विचार करते रहना चाहिए।

कौन सी पांच बातों पर निरन्तर  विचार करना चाहिए? 


1. मैं जरा -धर्मी हूँ ,जरा से वशीभूत हूँ। 

2. मैं रोग धर्मी हूँ । रोग से वशीभूत हूँ। 

3. मैं मरण धर्मी हूँ, मरण से वशीभूत हूँ। 

4. चाहे स्त्री हो या पुरुष,चाहे गृहस्थ हो या प्रव्रजित हो उसे इस बात पर निरंतर विचार करते रहना चाहिए कि जितनी भी मेरी प्रिय वस्तुयें है,अच्छी लगने  वाली वस्तुयें है, उन सबका नाश, विनाश निश्चित है। 

5.उसे इस बात पर निरन्तर विचार करते रहना चाहिए कि कर्म  मेरा है, कर्म ही उत्तराधिकार है, मैं कर्म से ही उत्पन्न हुआ हूँ। कर्म ही मेरा बन्धु है, कर्म ही शरण स्थान है, इसीलिए जो भी भला -बुरा कर्म करूंगा वह मेरा उतराधिकिर में आएगा। 

नमो बुद्धाय🙏🙏🙏 
Ref: अंगुत्तर निकाय 
01.06.2024

टिप्पणी पोस्ट करा

0 टिप्पण्या