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जलकुंभी के प्रदूषण से वैनगंगा नदी को मुक्त करने शासन द्वारा तत्काल कदम उठाने बाबत ग्रीन हेरिटेज पर्यावरण संस्था ने जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

हर्षवर्धन देशभ्रतार चित्रा न्युज 
भंडारा:- से कुछ दूरी पर कोरंभी के समीप जलकुंभी(एकोर्निया)वनस्पति ने काफी दूर तक फैलकर  भंडारा_गोसेखुर्द की ओर से कोरंभी तक वैनगंगा नदी को अपनी चपेट में ले लिया हैं.ऐसा लगता जैसे ये नदी नही एक बहुत विशाल घास का मैदान या लॉन हो. पर्यावरण ,मानवजाति,जलचर, मछलियों हेतु ये बहुत घातक है,इससे यहां 25 से ज्यादा नाव चलाकर मछलिया पकड़कर अपना गुजारा करने वाले मछुआरों का रोजगार छीन जाने से उन पर भूखों मरने की नौबत तक आ चुकी है.हाल हीअचानक   कोरंभी नदी परिसर का ग्रीन हेरिटेज पर्यावरण फाउंडेशन द्वारा अवलोकन करने पर ये दृश्य सामने आया.वॉरेन हेस्टिंग ने 18 वी सदी के अंत में अपनी पत्नी को उपहार में देने के लिए अमेजन(द.अमेरिका) से इस पौधे को भारत लाया था,एक अंग्रेज अफसर के प्रेमप्रसंग के इस नुकसान को अबतक भारत झेल रहा है.ईकॉर्निया वनस्पति के चलते  विगत 3 वर्षों में जीवनदायिनी वैनगंगा बहुत ही प्रदूषित हो चुकी है.पूरी नदी को इसने निगल लिया ऐसा प्रतीत होता है.
पर्यावरण की हानी के साथ ही पानी को पर्याप्त ऑक्सीजन न मिल पाने से जलचर, मछलियां मर रही है.पानी दूषित होने से गांव वासियों के साथ ही शहर वासियों के लिए भी ये काफी दूषित हो बीमारियों का सबब बन चुका है,इसके समीप मोटर पुलिया बनने से भंडारा की ओर पानी जा नही रहा है जिससे ये वनस्पति और ज्यादा पनप गई है.  जून 2013 में उनके फाउंडेशन द्वारा दूषित वैनगंगा नदी अभियान में नदी की स्वच्छता की गई थी.ऐसा मो सईद शेख ने बताया.
 इस हेतु प्रशासन की ओर से तत्काल कदम उठाकर उपाययोजना करने हेतु इस बाबत ग्रीन हेरिटेज की ओर से मा जिलाधिकारी को पत्र सौंपा गया है,इस अवसर पर ग्रीन हेरिटेज के संस्थापक मो सईद शेख,उपाध्यक्ष चंदा मुरकुटे,लियाकत खान, कुंदा सुरेंद्र हर्डे,आशिता मुरकुटे आदि उपस्थित थे. मा.मुख्यमंत्री कक्ष , मा जल संधारण मंत्री मा. रा. मुंबई को भी पत्र प्रेषित किया गया है.

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