इजरायल का प्रधान मंत्री अपने बेटे को युद्ध में लड़ने भेज रहा है । तो क्या मनुवादी भी अपने बेटे बेटियों को युद्ध में लड़ने भेजेंगे या फिर वहां मरने के लिए ओबीसी के लोग ही जाएंगे । ,,,, एक तरफ ओबीसी के लोग सीमा संभालते हैं तो दूसरी तरफ वो खेतो को संभालते हैं । दोनो जगह अधिकतर गुर्जर , जाट , यादव ही मरते हैं । सामाजिक सम्मान और 60 % आरक्षण फिर भी उनको नही मिलता और वो मनु स्मृति तथा राम चरित मानस के अनुसार ताड़ना के पात्र बने रहते हैं । ,,,, आखिर यह कब तक चलेगा ओबीसी के लोगो , आप लोग अपने अधिकारों को समझते क्यों नही हैं । ओबीसी के लोग अपने दिमाग का इस्तेमाल यह जानने में क्यों नही करते कि उनका हक कोन खा रहा है । ,,,, सब कुछ नही मिलने के बावजूद वो कब तक मनुवाद को अपने कंधो पर ढोते चले जायेंगे । ,,,, ओबीसी के लोग ज्योतिबा फूले और पेरियार को क्यों नही पढ़ते , इन बड़ी बड़ी बातो को ओबीसी के लोग आखिर कब समझेंगे । ,,,, ओबीसी के लोगो को खड़ा तो होना चाहिए sc / st और अल्प संख्यकों के साथ और खड़े हो जाते हैं मनुवादियों के साथ जिन्होंने उनको शुद्र बनाया और उनका हक मारा ।
चेतन बैरवा , एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट , मो 85 11 31 63 41 , 15 अक्टूबर 2023 , फेस बुक
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