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15 % होकर भी हम 85 % sc st obc पर भारी पड़ते हैं



Sc st obc के लोग संख्या में 85 % होने के बावजूद 15 % ब्राह्मण , बनियों , क्षत्रियों से मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं  ,,,,,  इसका कारण ये नही कि ब्राह्मण बनिए क्षत्रिय हम एससी एसटी ओबीसी के लोगो से ज्यादा बुद्धिमान , काबिल और ताकतवर हैं  ,,,,,  नही ऐसा नहीं है , बल्कि कारण यह है कि ब्राह्मण बनिए क्षत्रिय अब तीन वर्ण नही होकर अब तीन जातियां में कनवर्ट हो गए  हैं  ,,,,,  यानि कि सारे ब्राह्मण एक हो गए हैं , उनमें कोई इंटरनल जातियां नही हैं । इसी तरह सारे क्षत्रिय एक हो गए उनमें कोई इंटरनल जातियां नही हैं । सारे बनिए एक हो गए उनमें भी  कोई इंटरनल जातियां नही हैं  ,,,,  इसलिए वो तीनो 15 % होकर भी हम 85 % sc st obc पर भारी पड़ते हैं  ,,,,,  क्योंकि हम sc st obc के 85 % लोग 6 हजार से ज्यादा जातियों में बांटे हुए हैं  ,,,,,  इसलिए हम संख्या में ज्यादा होते हुए भी उनसे हर तरह से हार जाते हैं । यही है खास कारण जिसके कारण हम उनसे हार जाते हैं  ,,,,,  हम एससी एसटी ओबीसी के लोगो की एक समस्या तो ये थी कि हमको शिक्षा से वंचित रखा गया  ,,,,,  दूसरी समस्या ये थी कि हमको हजारों प्रकार की जातियों में बांटा गया । हम पहले भी बंट हुए थे और आज भी हजारों प्रकार की जातियों में बांटे हुए हैं  ,,,,  इसलिए एससी एसटी ओबीसी के लोगो को अब अपने आपको एक जाति मानकर चलना होगा  ,,,, तभी जाकर हम मनुवादियों से मुकाबला कर पाएंगे वरना पहले की तरह ही मनुवादियों के शोषण का शिकार होते रहेंगे । 

चेतन बैरवा , एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट , 
मो 85 11 31 63 41 , 
3 दिसंबर 2023

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