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हिंदुओ के दबाव में नहीं रहेंगे , हिन्दूं धर्म त्याग सिख या मुसलमान बन जायेंगे --- चेतन बैरवा , एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट

अगर 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के मौके पर राष्ट्रपति मुर्मू को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित नही किया गया तो में चेतन बैरवा एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट , हिंदू धर्म को तो ख़ैर छोड़ ही दूंगा । साथ साथ में सिख या  मुसलमान भी बन सकता हूं क्योंकि इन दोनो धर्मो में मनुवाद से लड़ने की क्षमता है । बाबा साहब अम्बेडकर भी , 1956 में हिंदू धर्म छोड़ बुध धर्म में चले गए थे लेकिन में बुध धर्म में नही जाऊंगा क्योंकि बुध धर्म में मनुवाद से मुकाबला करने की क्षमता नही है । प्रधान मंत्री मोदी , राष्ट्रपति मुर्मू की पहले भी बेइज्जती कर चुके हैं संसद की नई बिल्डिंग के उद्घाटन के मौके पर उन्हें आमंत्रित नही करके क्योंकि एक तो वो आदिवासी समाज से हैं दूसरा वो एक महिला भी हैं । मनुवादी लोग ये ना समझें हम एससी , एसटी , ओबीसी के लोग उनके दबाव में जीते रहेंगे , हम उनके हिंदू धर्म को छोड़ दूसरे धर्मो में भी जाना जानते हैं जहां हमे बराबरी का दर्जा मिले। ये हमारे मान सम्मान की लड़ाई है जिसे हम एससी , एसटी , ओबीसी के लोग पूरी ताकत से लड़ेंगे । बाबा साहब अम्बेडकर भी  1956 में मुसलमान बन गए होते तो आज न कोई आदिवासियों के मुंह पर पिसाब करने की हिम्मत करता और ना कोई मूंछ रखने पर एससी के युवक के मर्डर करने की और ना कोई एससी के बच्चे द्वारा पानी का घड़ा छूने पर उसे जान से मारने की। 

चेतन बैरवा , एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट , मो 85 11 31 63 41 , 7 जनवरी 2024 , फेस बुक

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