सुप्रीम कोर्ट लॉयर , एडवोकेट चेतन बैरवा का कहना है कि बारां जिले की हेमलता बैरवा को राजस्थान सरकार ने यदि नोकरी से बर्खास्त किया तो पाकिस्तान के निर्माता मोहम्मद अली जिन्ना की भांति एससी एसटी ओबीसी के लोग भी अब अलग देश की मांग करेंगे क्योंकि वो मनुवादियों के अत्याचारों से परेशान हो चुके हैं तथा उनके साथ और अधिक समय तक रहने को तैयार नही । एडवोकेट बैरवा ने यह बात जयपुर स्तिथ समता आंदोलन समिति के 1 फरवरी 2024 के उस पत्र के जवाब में कही जिसमे उसने राज्यपाल से हेमलता बैरवा को नोकरी से बरखस्त किए जाने की मांग की है । ज्ञात हो कि हेमलता बैरवा इस वर्ष 26 जनवरी को अपने स्कूल में होने जा रहे गणतंत्रता प्रोग्राम की संचालिका थी , उसने स्टेज पर संविधान निर्माता बाबा साहब अम्बेडकर की फोटो तो लगाई लेकिन सरस्वती की फोटो नही लगाई जिस पर गांव वालो ने विवाद खड़ा कर दिया । गांव वालो ने हेमलता बैरवा पर सरस्वती की फोटो लगाने का दबाव बनाया लेकिन हेमलता उनके दबाव के आगे झुकी नही और उनके दबाव को यह कहकर टाल दिया कि सरस्वती का शिक्षा के क्षेत्र में कोई योगदान नहीं है लिहाजा वह उसकी फोटो नही लगाएगी । अगर फोटो लगाना जरूरी हुआ तो वह सावित्री बाई फूले ( ओबीसी समाज की महिला ) तथा फातिमा शेख ( मुस्लिम महिला टीचर ) की फोटो लगाएगी जिन्होंने देश में महिला शिक्षा की शुरुआत की है । एडवोकेट बैरवा ने कहा कि हेमलता बैरवा ने गणतंत्रता दिवस पर सरस्वती की फोटो नही लगाकर कोई गैर कानूनी काम नही किया है ऐसे में समता आंदोलन समिति की हेमलता बैरवा को नोकरी से बर्खास्त करने की मांग , एससी एसटी ओबीसी के लोगो को अपना अलग देश बनाने की मांग को उकसाने वाली है । एडवोकेट बैरवा ने कहा कि समता आंदोलन समिति तब क्यों चुप रही जब मूंछ रखने के कारण जितेंद्र मेघवाल की हत्या कर दी गई , जब पानी का घड़ा छूने पर इंद्र मेघवाल की हत्या कर दी जाती है , जब एक आदिवासी के मुंह पर पिसाब कर उसका उपहास मजाक उड़ाया जाता है , जब एससी के दूल्हे को घोड़ी पर चढ़कर आने से रोका जाता है । समता आंदोलन समिति राजस्थान हाई कोर्ट जयपुर में मनु की मूर्ति लगे होने पर चुप क्यों है जो पूरी तरह एक असैंवेधानिक कार्य है । असल में समता आंदोलन समिति एससी , एसटी , ओबीसी के लोगो की प्रोग्रेस देखकर जलती है । यही कारण है कि इसने चिट्ठी लिखकर राज्यपाल से हेमलता बैरवा की नोकरी से बर्खास्तगी की मांग की है । पूर्व में भी यह समिति मीणा जन जाति के लोगो का आरक्षण खत्म करने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगा चुकी है जिसे सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका है । समता आंदोलन समिति द्वारा हेमलता को नोकरी से निकाले जाने की मांग के पीछे असल मकसद यही है कि सरकारी प्रोग्रामो में हिंदू देवी देवताओं को महत्व दिया जाए , उनकी फोटो लगाई जाए । लेकिन यूं तो फिर सरकारी प्रोग्रामो में गुरु नानक देव की , गोतम बुध की , महावीर जैन की , ईशा मसीह की फोटो भी लगाई जानी चाहिए क्योंकि यह देश अकेले मनुवादियों का नही बल्कि मुस्लिम , सिख , बुध , जैन और ईसाइयों का भी है ।
चेतन बैरवा , एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट , मो 85 11 31 63 41 , 6 फरवरी 2024 , फेस बुक
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