भीम प्रकाश बौद्ध उप संपादक मध्य प्रदेश मो 9754 84 3705
महंगाई के मारे गरीब आदमी की विडंबना हो रही है। फिर भी सरकार कुंभकरण की निद्रा में डूबी हुई है ।वह गरीबों के बारे में बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे रही है। दूध अनाज घी सब्जी सब्जियां हर चीज महंगी है । जिस वजह से गरीब आदमी की कमर टूट चुकी है। क्योंकि वह अपना पेट का भरण पोषण भी बड़ी मुश्किल से कर पा रहा है । सरकार कहती है। कि हमने गरीबी समाप्त कर दिए जबकि यह सरकार का कहना बिल्कुल गलत है। गरीबी बिल्कुल भी नहीं हटि है । बेरोजगार युवाओं को नौकरी नहीं मिल रही है। जिससे वह परेशान है। वह क्या करें एक तरफ महंगाई की मार दूसरी तरफ बेरोजगारी की भीषण समस्या उसके सामने खड़ी हो जाती है। गरीब आदमी अब तो नए मुख्यमंत्री साहब की ओर पथराई आंखों से देख रहा है कि वह शायद महंगाई के बारे में कुछ बोलेंगे और सीमित भी करेंगे जिससे गरीबों को राहत मिलेगी क्योंकि इस महंगाई के दौर में गरीब आदमी अपने बच्चों को महंगे स्कूलों में नहीं पढ़ा सकता लेकिन सरकार घोषणाओं की झड़ी लगा देती है कि हम यह करेंगे वह करेंगे लेकिन होता कुछ नहीं है पूरे 5 साल गुजर जाएंगे लेकिन बेरोजगार युवा वहीं खड़ा रह जाएगा इसलिए सभी का यही सोच है । की मुख्यमंत्री साहब जी महंगाई कम करें जिससे गरीब जिंदगी आराम से जी सके नहीं तो वह है। गरीबों की जिंदगी में ही दम तोड़ देगा इसलिए सरकार को ठोस कदम उठाने होंगे क्योंकि इससे फायदा अमीरों का हो रहा है वहीं निचले तब का बेहद परेशान है क्योंकि उसे दो वक्त की रोटी भी बड़ी मुश्किल से मिल पा रही है तो क्या वह ऐसी महंगाई के दौर मैं अपने बच्चों को शिक्षा दिला पाएगा इसलिए सरकार को ठोस नीति बनानी होगी और महंगाई के बारे में सोचना होगा जिससे गरीब आदमी अपने बच्चों को ठीक से शिक्षा दे सके वह भी जिंदगी आराम से जी सके
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