सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट चेतन बैरवा ने कहा है कि मनु ने वर्ण व्यस्था बना कर महा पाप का काम किया है । एडवोकेट बैरवा ने आंध्र प्रदेश के वेल्लूर सिटी की एडवोकेट प्रतिभा राजा की बात का हवाला देते हुए कहा है कि लोगो का जाती और धर्मो में विभाजित होना कोई मायने नहीं रखता । लेकिन यह बात भारत के आर एस एस के लोगो के भेजे मे , बीजेपी के लोगों के भेजे में और मनुवादियों के भेजे में भी आनी चाहिए जो दिन रात जाति और धर्म की रट लगाए फिरते हैं , जो भारत को हिंदू राष्ट्र के नाम पर फिर से मनु स्मृति आधारित देश बनाने के प्रयास में दिन रात लगे हुए हैं । एडवोकेट प्रतिभा का कहना है कि इंसान के रूप में हम सब एक प्रजाति हैं फिर हमे जाती और धर्म के रूप में अलग अलग बटने और बांटने की क्या जरूरत , फिर हमे मनु की बनाई वर्ण व्यवस्था में विश्वास करने की क्या जरूरत है । मनु ने लोगो को वर्ण व्यवस्था के जरिए हजारों प्रकार की जातियों में बांट कर महा पाप का काम किया । इस हराम खोर ने भारत को बर्बाद करने का काम किया है । ज्ञात हो कि वेल्लूर की इस महिला एडवोकेट ने अपने आपको जाती और धर्म विहीन होने का सर्टिफिकेट सरकार से प्राप्त कर लिया है । लेकिन उसके लिए इसको काफी लंबा संघर्ष करना पड़ा है , काफी लंबी प्रशासनिक लड़ाई लड़नी पड़ी है। तब जाकर इस महिला जाती तथा धर्म विहीन होने का फैसला कोर्ट से प्राप्त हुआ है । मेरी कोशिश रहेगी कि मैं इस महिला से व्यक्तिगत रूप से मिलूं तथा देश में चल रही जातिय व धार्मिक नफरतों को कम करने का प्रयास करूं । सन 2014 से जब से केंद्र में बीजेपी की मोदी सरकार आई है तब से देश में जातिय व धार्मिक नफरतों की बाढ़ सी आ गई । यही कारण है कि 2014 से अब तक देश में कई जगह मुसलमानो की मोब लिंचिंग हुई है तथा राजस्थान में मूछ रखने तथा पानी का घड़ा छूने के नाम पर एससी के लोगो का मर्डर हुआ है । मध्य प्रदेश में भी आदिवासीयों के साथ बहुत जुल्म होते हैं । हाल ही में एक मनुवादी द्वारा , एक आदिवासी के मुंह पर पेशाब करने की घटना सामने आई है जो बेहद निंदनीय है ।
चेतन बैरवा ,,,, एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट ,,,, मो 85 11 31 63 41 ,,,, 30 नवंबर 2023 ,,,, फेस बुक
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