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🌻धम्म प्रभात🌻


🌻धम्म प्रभात🌻 

  🌷 मैत्रेय बुद्ध 🌷 

तथागत बुद्ध ने कहा - 

"किच्छो मनुस्सपटिलाभो,
किच्छं मच्चान जीवितं।
किच्छं सद्धम्मसवणं,
किच्छो बुद्धानं उप्पादो।"
                - धम्मपद
अर्थात-
मनुष्य का जीवन पाना कठिन है, मनुष्य का जीवित रहना कठिन है। सद्धर्म का श्रवण करना कठिन है और बुद्धों का उत्पन्न होना कठिन है। 

हम आगे बढ़कर कहते हैं- 

"ये च बुद्धा अतीता च,
ये च बुद्धा अनागता ।
पच्चुपन्ना च ये बुद्धा, 
अहं वंदामि सब्बदा ।।" 

- भूतकाल में जितने भी बुद्ध हुए हैं, भविष्य में जितने भी बुद्ध होंगे, वर्तमान काल के भी जितने बुद्ध है, उन सबकी मैं वंदना करता हूँ । 

तात्पर्य है कि बुद्ध का प्रदुर्भाव होना दुर्लभ है। साथ में हम विश्वास रखते हैं कि भविष्य में बुद्ध होंगे। यह भी हम जानते है कि अब तक २८ बुद्ध हो गए है।
१) तण्हंकर
२) मेधंकर 
३) शरणंकर 
४) दीपंकर 
५) कौण्डिण्य 
६) मड्गल 
७) सुमन 
८) रेवत 
९) सोभित 
१०)अमोघदर्शि 
११) पध्म
१२) नारद 
१३) पध्मोत्तर
१४) सुमेध 
१५) सुजात 
१६) प्रियदर्शी 
१७) अर्थदर्शी 
१८) धर्मदर्शी 
१९) सिध्दार्थ 
२०) तिष्य 
२१) पुष्य 
२२) विपश्यी 
२३) शिखी 
२४) वैश्वभू 
२५) ककुसन्ध 
२६) कोणागमन 
२७) काश्यप 
२८) सिद्धार्थ गौतम बुद्ध 

वर्तमान में जो बुद्ध शासन चल रहा है वह बुद्ध है- तथागत गौतम बुद्ध। तथागत गौतम बुद्ध २५०० वर्ष पूर्व हुए। उनके जीवन के साथ जुड़े स्थान,उनके द्वारा उपयोग में लाई गई वस्तुएं, उनके शरीर के अंश (अवशेष) ( शरीर धातु ) और जिस भाषा में उपदेश दिए वह पालि भाषा और उनके उपदेश आज हमारे पास सुरक्षित हैं।
उन तथागत बुद्ध ने भविष्य में होने वाले बुद्धशासन की बात कही है। भविष्य में (२९वे) धम्म शास्ता होंगे मैत्रेय बुद्ध। 

   भविष्य में बुद्ध होंगे। 
            कब ? 
अनंत काल के बाद।
कितने वर्ष, कितने कल्प ? अनगिनत, गुनती नहीं हो सकती। 

"ये च बुद्धा अनागता" - कौन होंगे उसका जिक्र दीघ-निकाय में 'चक्कवत्ति- सींहनाद'- सुत्त में किया गया है। 

    🌷 मैत्रेय बुद्ध 🌷 

जैसे-
    मैत्रेय बुद्ध का जन्म
(तथागत बुद्ध ने कहा)
"भिक्षुओं ! अस्सी सहस्त्र वर्ष की आयु वाले मनुष्यों में पाँच सौ (५००) वर्षों की आयु वाली कुमारी, पति के गृह जाने वाली होगी। उनके तीन ही रोग रहेंगे- इच्छा, उपवास और जरा। उस समय जम्बूद्वीप समृध्द और सम्पन्न होगा........ मनुष्यों की आबादी से भर जाएगा।( उस समय ) वाराणसी समृध्द, सुंदर, सम्पन्न और सुभिक्ष केसुमती नामकी राजधानी होगी। जम्बूद्वीप में केसुमती राजधानी आदि चौरासी हजार नगर होंगे। केसुमती राजधानी में शंख नामक चक्रवर्ती, धार्मिक,धर्म राजा उत्पन्न होगा। वह सागर पर्यंत इस पृथ्वी को दण्ड और शस्त्र के बिना ही धर्म से जीतकर राज्य करेगा। उस समय मैत्रेय नामक भगवा अर्हंत सम्यकसम्बुद्ध संसार में उत्पन्न होंगे। (इस समय ) मैं उपदेश देता हूं ,वैसे वे उपदेश देंगे। वे कई लाख भिक्षुओं के संघ के साथ रहेंगे,जैसे कि अभी मैं कई सौ (१००) भिक्षुओं के साथ रहता हूं।
भिक्षुओ ! तब शंख राजा उस प्रसाद को दान दे कर प्रव्रजित होगा। वह प्रव्रजित हो,अकेला रह, वीतराग हो, अप्रमत्त हो, संयमी और आत्मनिग्रही हो विहार करते शीघ्र ही उस अनुपम ब्रह्मचर्य के फल को इसी जन्म में जान साक्षात कर विहार करेगा।" 

29 वे मैत्रेय बुद्ध का प्रादुर्भव कब होगा नही जानते है लेकिन श्रद्धा है। 
        
नमो बुद्धाय🙏🙏🙏
07.11.2023

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