सुप्रीम कोर्ट लॉयर एडवोकेट चेतन बैरवा का कहना है कि ओबीसी मनुवाद को अपने कंधो पर ढोना बंद करे । एडवोकेट बैरवा ने कहा कि ओबीसी के लोगो ने उन लोगो को अपने शिर पर चढ़ा रखा है जिन्होने उनको शुद्र बनाकर उनके अधिकार छीने और उन्हें अपमानित किया । ओबीसी के लोगो को इस बात का होश ही नही कि उनका दुश्मन कोन है और दोस्त कोन है ? शुद्र कोन होते हैं और समाज में उनका क्या स्थान है , यह बात ओबीसी के लोग मनु स्मृति को पढ़कर भी जान सकते हैं और दैनिक जीवन में उनके साथ होने वाले व्यवहार से भी जान सकते है । याद करो उस दिन को जब अखिलेश यादव ने मुख्य मंत्री आवास खाली किया था और मनु वादी लोगो ने उसे टोंटी चोर बताया था । मनुवादी लोगो ने मुख्य मंत्री आवास को उस समय गंगा जल से धुलवा कर पवित्र किया था ? तो यहीं से पता पड़ जाता है कि मनु वादी लोग ओबीसी के लोगो को शुद्र मानते हैं । छत्तीस गढ़ में भी एक तेली जाति की महिला द्वारा कथा प्रवचन करने पर मनु वादियों ने उसे धमकी दी थी कि वह कथा प्रवचन करने का काम बंद करे क्योंकि वह शुद्र है । कथा प्रवचन करने का काम शूद्रों का नहीं । बिहार के जन गणना आंकड़ों से संकेत मिल रहा है कि देश में ओबीसी की जनसंख्या 60 % के आसपास चल रही है । लेकिन आरक्षण दिया जा रहा उन्हे केवल 27 % ही और वो भी पूरा नहीं दिया जा रहा । इसलिए ओबीसी के लोगो की समझदारी इसी में है कि वे लोग मनुवाद को अपने कंधो पर ढोना बंद करे और एससी एसटी के लोगो के साथ खड़ा होना शुरू करे । साथ ही ओबीसी के लोग यह भी समझ ले कि मुसलमान , सिख , ईसाई उनके दुश्मन नहीं हैं बल्कि दोस्त हैं । वो ओबीसी के डीएनए वाले भाई बंधु हैं और उन्हीं में से बने हैं । असल में जब हिंदू धर्म में ओबीसी के साथ गैर बराबरी वाला व्यवहार हुआ तो वो लोग मजबूर होकर मुसलमान बन गए , सिख बन गए , ईसाई बन गए । तो इसमें गलत क्या है , कुछ भी नहीं । क्योंकि जब किसी के साथ अन्याय होगा तो वह मजबूर होकर अपनी जगह तो बदलेगा ही , तो यही काम ओबीसी ने किया । एडवोकेट बैरवा ने कहा कि आज जो मुस्लिम सिख ईसाइय हैं वो सब पहले के ओबीसी के लोग ही तो हैं , वो कोई बाहर से आए हुए लोग थोड़े ही हैं । एक बात यह भी है कि मनुवादी लोग ओबीसी के लोगो को मुसलमानो के खिलाफ अपना उल्लू सीधा करने के लिए भड़काते हैं । इसलिए नही कि वो लोग ओबीसी के लोगो को प्यार करते हैं । मनुवादी लोग उप्पर से दिखावे के लिए ओबीसी के लोगो को प्यार करते हैं । लेकिन अंदरूनी रूप से वो ओबीसी के लोगो को शुद्र ही समझते हैं , यह बात सो प्रतिशत सच है ।
चेतन बैरवा , एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट , मो 85 11 31 63 41 , 20 नवंबर 2023 , फेस बुक
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