कोटा ( राजस्थान ) निवासी राजपूत महिला लवीना सिंह की अरेंज मेरिज ( शादी ) वर्ष 2019 में इंदौर निवासी राजवीर सिंह के साथ बड़ी धूम धाम से झालावाड़ के होटल कृष्णा पैलेस में हुई जिसमे उसके पिता ने कार , गहने , घर गृहस्थी का उच्च स्तरीय सामान तथा महंगे कपड़े दिए । पिता ने इस महंगी शादी में पचासों लाख रुपए खर्च किए लेकिन फिर भी कंप्यूटर साइंस में एम. टेक. डिग्री होल्डर लविना सिंह ससुराल में ठीक से नहीं रह सकी । क्योंकि मध्य प्रदेश सरकार में पुलिस उप निरीक्षक के पद पर कार्यरत पति राजबीर सिंह कभी उससे कहता कि हम राजपूत फैमिली से हैं इसलिए घूंघट में रहो , कभी कहता कि पड़ोस में चाचा रहते हैं उनके झूठे बर्तन भी साफ किया करो , कभी कहता कि वह रात को अपने सोने के कमरे में तब तक ना जाए जब तक कि उसके मां बाप ना सो जाएं । चूंकि कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री होल्डर लविना सिंह को पति राजवीर सिंह की ये सब बाते नागवार गुजरी सो उसने यह सब करने से इंकार कर दिया और जून 2019 में वह कोटा स्तिथ अपने मां बाप के घर रहने चली आई । नाराज पति ने फरवरी 2021 में इंदौर की फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी दायर कर दी । लविना सिंह को कोटा से 400 किलो मीटर दूर इंदौर जाकर पति द्वारा दायर तलाक की याचिका को लडना मुनासिब नहीं लगा । सो उसने अपने एडवोकेट चेतन बैरवा के जरिए , पति द्वारा दायर तलाक की याचिका को इंदौर से कोटा ट्रांसफर करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई । यह याचिका दिनांक 11 दिसंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट में बहस के लिए लगी जिस पर बहस करते हुए एडवोकेट चेतन बैरवा ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कंप्यूटर साइंस में एम. टेक. डिग्री होल्डर लविना सिंह को आज के मॉडर्न युग में घूंघट में रहने को कहना , अपने चाचा की रसोई के झूठे बर्तनों को धोने के आदेश देना तथा देर रात सोने नहीं देना , लविना सिंह के साथ मेंटल क्रुएल्टी ( अत्याचार ) है । अपनी बहस में एडवोकेट बैरवा ने माननीय सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया कि उसकी क्लाइंट लविना सिंह , कोटा से 400 किलो मीटर दूर इंदौर की फैमिली कोर्ट में दायर पति की तलाक की याचिका को लड़ने में असमर्थ है क्योंकि वह जॉब नहीं करती और उसके पास पैसा नहीं है । ऐसे में इंदौर की फैमिली कोर्ट स्तिथ पति की तलाक की याचिका को कोटा की फैमिली कोर्ट में ट्रांफर कर दिया जाये । एडवोकेट बैरवा की दलीलों से सहमति प्रकट करते हुए माननीय न्याधिपति संजय करोल की बेंच ने दिनांक 11 दिसंबर 2023 को पति द्वारा दायर तलाक की याचिका की सभी कार्यवाहीयों पर रोक लगा दी । साथ ही पति राजबीर सिंह को याचिका का जवाब एक माह में पेश करने के आदेश प्रदान किए ।
चेतन बैरवा ,
एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट ।
संलग्न :
सुप्रीम कोर्ट का आदेश दिनांक 11. 12. 2023
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