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योग व संस्कार शिबीर से बच्चे देश के योग्य नागरिक बने -टी.नरसिम्हम मूर्ति


(गोपीवाड़ा में ५दिवसीय भव्य योग व बाल संस्कार शिबीर का आयोजन संपन्न)

चित्रा न्युज प्रतिनिधी 
भंडारा, शहर से  करीब ग्राम गोपीवाड़ा ( शाहपुर ) में कमांडो ग्रुप के संस्थापक, माजी सैनिक सामाजिक कार्यकर्ता, चंद्रशेखर डोळस , द्वारा बच्चों का 5 दिवसीय योग व संस्कार शिबीर का भव्य आयोजन किया गया।
        इस सेमिनार का शुभारंभ दिनांक 8 जून को किया गया तथा समापन  12 जून को हुआ।गोपीवाडा,शहापूर तथा अन्य गाव,परिसर से शामील करीब ३०० बच्चो को इस योग तथा बाल संस्कार शिबीर में योग,प्राणायाम के  अलग _अलग आसनो ,,मुद्राएं , साथ ही रनिंग स्पर्धा, बॉक्सिंग, कराटे, अनेक फिजिकल  एक्टीविटीज भी कराई गई,,जिससे गांव में आध्यात्मिक  वातावरण तथा बालकों मे भारी मात्रा में उत्साह देखा गया,भारतीय सेना के कमांडो तथा शिबिर के मुख्य प्रशिक्षक चंद्रशेखर डोळस,के प्रमुख मार्गदर्शन में उत्साहपूर्ण वातावरण मे  शिबिर आयोजित किया गया.शिबिर के समापन कार्यक्रम के अवसरपर एमएमपीएल कंपनी के जनरल मॅनेजर श्री नरसिंम्हम मूर्ति,मैनेजर राकेश वाघाये,सरपंच विनायक टांगले, भंडारा के प्रमुख योग शिक्षक शाम कुकडे, ग्रीन हेरिटेज फाउंडेशन के सईद शेख,अतुल वर्मा के साथ ही प्रहरी बहु.संस्था अध्यक्ष योगेश गहाने,सचिव शिल्पा डोळस, रितू टांगले,शालिनीताई झलके,रेखाताई खटके तथा अन्य गणमान्य अतिथी ,गाववासी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। प्रथम मान्यवर अतिथियों का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया गया । नरसिंम्हम् मूर्ती ने अपने संबोधन में "योग व बाल संस्कार शिबीर से बच्चे देश के योग्य नागरिक बने" ऐसा प्रतिपादन किया।राकेश वाघाये,सईद शेख,विनायक टांगले,अतुल वर्मा, शाम कुकडे आदी ने भी शिविरार्थियों  का योग्य मार्गदर्शन किया।शिबीर प्रमुख चंद्रशेखर डोलस ने सतत ५ दिन तक बच्चों को योग_प्रणा याम के साथ संस्कार,श्रम,सामाजिक जिम्मेदारी, साहसिक खेल तथा अन्य प्रशिक्षण के गुर सिखाए।  शिबीर मे शामिल सभी बच्चों को एमएमपीएल कंपनी द्वारा टिफिन बॉक्स, प्रमाण_पत्र,नाश्ता,आदि वितरित किए गए।बच्चों का उत्साह देखते ही बनता था।
          इस सेमिनार को कामयाब बनाने के लिए MMPL कंपनी मारेगांव के जनरल मैनेजर टी, नरसिम्हम मूर्ति, मॅनेजर राकेश वघाय, ग्रामपंचायत, सरपंच विनायक टांगले, ग्राम पंचायत,गांववासियों आदि का अनमोल सहकार्य प्राप्त हुआ।शिबीर का संचालन व आभार चंद्रशेखर डोलस ने किया।

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